नई दिल्ली : जांच एजेंसी सीबीआई के आंतरिक विवाद के मुद्दे पर कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने के लिए शुक्रवार को देशभर में प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में शुक्रवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित दयाल सिंह कॉलेज से शुरू हुआ कांग्रेस का मार्च सीबीआई मुख्यालय के बाहर पहुंचा. यहां राहुल गांधी पुलिस बैरीकेड पर बैठ गए थे. राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन के बाद सांकेतिक गिरफ्तारी दी है. उन्हें इसके बाद लोधी रोड थाने ले जाया गया है. उन्होंने कहा कि जितनी बार गिरफ्तार करना हो कर लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. राहुल गांधी ने इस दौरान राफेल डील को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने अनिल अंबानी को इस डील में फायदा पहुंचाया. राहुल ने कहा कि नीरव और माल्या की तरह ही अनिल अंबानी भी देश से भाग जाएंगे. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का सच एक दिन सबके सामने आएगा. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में भी लिया है. उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मौजूद हैं. इसके लिए बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता दयाल सिंह कॉलेज में एकत्र हुए थे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ये विरोध पीएम मोदी के असंवैधानिक फैसले के खिलाफ है. इस प्रदर्शन को देखते हुए सीबीआई मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इस प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस का भी साथ मिल गया है. तृणमूल कांग्रेस के नेता दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय पर राहुल गांधी के साथ धरना-प्रदर्शन करेंगे. जानकारी के मुताबिक, पुलिस और प्रशासन की ओर से सीबीआई मुख्यालय से 100 मीटर पहले ही इस मार्च को रोकने की योजना है. बता दें कि छुट्टी पर भेजे गए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक आलोक वर्मा को बहाल करने की मांग को लेकर कांग्रेस आज (26 अक्टूबर) को देशभर में सीबीआई दफ्तरों के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रही है. विवाद के केन्द्र में आए वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मंगलवार देर रात आदेश जारी कर अवकाश पर भेज दिया था. प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली नियुक्ति समिति ने मंगलवार की रात में आदेश जारी कर एजेंसी के निदेशक का प्रभार संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सौंप दिया.
वहीं सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को अचानक छु्ट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में इस दौरान वरिष्ठ वकील फली नरीमन ने आलोक वर्मा की पैरवी की. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ सीवीसी 2 हफ्ते में जांच पूरी करे. मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी.
इस जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीवीसी, केंद्र सरकार और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को उनकी याचिकाओं के संबंध में नोटिस जारी किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मामले में बदले गए पांच जांच अधिकारियों की जानकारी बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपने को कहा है. दरअसल, एनजीओ कॉमन कॉज ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की कि आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने और नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाए जाने मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराई जाए. इसके अलावा याचिका के जरिए ये भी कहा गया है कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर लगे आरोपों की जांच भी अदालत की निगरानी में कराई जाए.