हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा हिन्दी सप्ताह के अंतर्गत राष्ट्रभाषा हिन्दी से जुड़े विभिन्न विषयों पर केंद्रित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। हिन्दी सप्ताह का प्रारम्भ संगोष्ठी कक्ष, समुदाय भवन, पदम नगर, किशन गंज, दिल्ली में युवा काव्य गोष्ठी से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जाने-माने शायर और कवि मंगल नसीम द्वारा की गई।
इस अवसर पर हिन्दी अकादमी, दिल्ली के सदस्य डॉ. एस.एस. अवस्थी विशिष्ट अतिथि थे।
हिन्दी अकादमी, दिल्ली के सचिव संजय कुमार गर्ग ने आमंत्रित युवा कवियों का स्वागत करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि आज का युवा रचनाकार साहित्य की विभिन्न विधाओं में उच्च स्तरीय लेखन कर रहा है। ये गौरव की बात है। युवा कवि अपनी प्रेरणादायी लेखनी के माध्यम से समाज और राष्ट्र के नव-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कवि जयशंकर द्विवेदी विश्वबन्धु ने इस युवा कवि गोष्ठी का मंच संचालन करते है हुए अपनी काव्य-प्रस्तुति में पढ़ा – अगर मानव है तो सम्भव किसी से भूल हो जाना/ज़रूरी है नहीं हर बात का अनुकूल हो जाना/ज़रा सी बात पर आपस में लड़कर क्या करेंगे हम/तुम्हें भी धूल हो जाना हमें भी धूल हो जाना। इस युवा कवि गोष्ठी का शुभारंभ निकुंज शर्मा के काव्य-पाठ से हुआ। उन्होंने पढा- बिलखती भूख के किस्से, तड़पती प्यास लिक्खेंगे/अंधेरों की क़लम से, रोशनी की आस लिक्खेंगे/ना मंज़र बेबसी का, ना कभी अफ़सोस की बातें/नई पीढ़ी के ये तेवर, नया इतिहास लिक्खेंगे। युवा कवि मयंक राजेश ने अपने काव्य-पाठ में पढ़ा- बहुत मन था मिले मुझको, मेरी तक़दीर दिल्ली में/कोई मुझपर निगाहों का चलाए, तीर दिल्ली में।
युवा कवयित्री अंजली बजाड़ ने अपने काव्य पाठ में शांति का संदेश दिया। उन्होंने पढ़ा- अमन ओ चैन फैला दो/दिल से मैल हटा दो।
इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में काव्य-प्रेमी श्रोता-दर्शक उपस्थित थे।
इस युवा कवि गोष्ठी में सुश्री सरिता जैन और अमित पुरी ने अपनी रचनाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के अंत मे हिन्दी अकादमी के सचिव श्री संजय कुमार गर्ग ने सभी अतिथियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।