दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का इन दिनों हरियाणा की तरफ फोकस ज्यादा बढ़ गया है। इन दिनों हरियाणा के लोगों के मोबाइल्स पर एक कॉल आ रही है। 58 सेकंड की कॉल में अरविंद केजरीवाल हरियाणवी अंदाज में बात कर रहे हैं । वे कॉल की शुरुआत में कहते हैं, ‘हेलो, हां राम-राम जी’ मैं अरविंद केजरीवाल बोलूं, दिल्ली का मुख्यमंत्री, ठीक हो। यह सब कहने के बाद वे दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों की बदली हुई सूरत का बखान करते हैं और हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर पर भी निशाना साधते हैं। आखिर में वे कहते हैं आम आदमी पार्टी न जिता दो, दिल्ली त भी घणा काम करके दिखावांगे, जय हिन्द। केजरीवाल उल्लेखनीय है कि इन दिनों केजरीवाल हरियाणा की तरफ ज्यादा ही ध्यान दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने झज्जर जिले के बेरी उपमंडल के स्कूल में सभा की थी। केजरीवाल ने खट्टर से दिल्ली सरकार से सीख लेने तक की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि खट्टर को दिल्ली आकर सरकारी स्कूलों की स्थिति देखनी चाहिए और साथ ही मोहल्ला क्लीनिक भी देखना चाहिए उनकी सूरत क्या से क्या हो गई है। केजरीवाल ने झज्जर में सभा में कहा था कि आम आदमी पार्टी को हरियाणा में भी एक मौका मिलना चाहिए। इसी बीच आप के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने कहा कि केजरीवाल मूल रूप से हरियाणवी हैं और उन्हें राज्य के मुद्दों के बारे में बखूबी पता है और वे हरियाणा के लिए अच्छा ही करेंगे।
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- केन्द्रीय सतर्कता आयोग की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को सूचित किया कि 10 नवंबर को पूरी हुयी जांच की निगरानी शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एके पटनायक ने की। प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि रजिस्ट्री रविवार को खुली थी परंतु उसे रिपोर्ट दाखिल करने के बारे में कोई सूचना नहीं दी गयी। सॉलिसीटर जनरल ने बाद में क्षमा याचना की और कहा कि वह रिपोर्ट दाखिल करने में उनकी ओर से हुये विलंब की परिस्थितियों पर स्पष्टीकरण नहीं दे रहे हैं। शीर्ष अदालत ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग की जांच की निगरानी के लिये 26 अक्टूबर को न्यायमूर्ति पटनायक को नियुक्त किया था। न्यायालय ने आलोक वर्मा की याचिका पर केन्द्र और सतर्कता आयोग को नोटिस जारी करके जांच ब्यूरो के निदेशक के अधिकारों से उन्हें वंचित करने और अवकाश पर भेजने के सरकार के फैसले पर जवाब मांगा था। जांच ब्यूरो के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को भी केन्द्र ने अवकाश पर भेज दिया था। न्यायालय ने जहां सतर्कता आयोग को दो सप्ताह के भीतर प्रारंभिक जांच पूरी करने का आदेश दिया था वहीं अंतिरम निदेशक नागेश्वर राव को भी कोई बड़ा निर्णय लेने से रोक दिया था। शीर्ष अदालत ने 23 अक्टूबर के बाद से नागेश्वर राव द्वारा लिये गये सभी फैसलों का विवरण भी 12 नवंबर को न्यायालय में पेश करने का निर्देश दिया था। केन्द्रीय जांच ब्यूरो में हुये इस घटनाक्रम को लेकर इसके निदेशक आलोक वर्मा के अलावा गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज ने भी शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दायर की थी।