केरल की समृद्ध विरासत और आर्थिक कौशल को प्रदर्शित करते हुए भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) पाक नवाचार और महिला सशक्तिकरण के प्रतीक कुदुम्बश्री पर प्रकाश डालता है। व्यापार मेले के फ़ूड कोर्ट में पर्यटक प्रसिद्ध केले के चिप्स से लेकर चुकंदर प्रोटीन पाउडर जैसे अनूठे उत्पादों तक, केरल के व्यंजनों के विविध स्वादों का आनंद ले रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर महिला स्व-सहायता नेटवर्क में अग्रणी कुदुम्बश्री, आर्थिक, सामाजिक और महिला सशक्तिकरण क्षेत्रों में अपने प्रभावशाली काम का प्रदर्शन करते हुए, खानपान के क्षेत्र में भी उभर कर आई हैं। फूड कोर्ट में कप्पा, तले हुए झींगे और अलग-अलग क़िस्म की मछलियों की मोहक सुगंध खाने के प्रेमियों को लुभा रहा है।
कुदुम्बश्री के स्वादिष्ट व्यंजनों में, कप्पा (टैपिओका) – मछली करी, पुट्टू (चावल पाउडर से बना) – मछली करी, चट्टी-पथरी, सांबर-वड़ा और पोरोटा जैसे अति-स्थानीय स्वाद सबसे लोकप्रिय आइटम हैं। ‘वनारानी’ (अर्थात् जंगल की रानी) एक बहुत ही खास व्यंजन है जो दिल्ली के मलयाली लोगों का दिल जीत लेता है। वनरानी कॉम्बो में डोसा, चटनी, सूप और विशेष रूप से तैयार चिकन शामिल है। एक और खास चीज है ब्लैक जीरा चिकन। कुदुम्बश्री स्टॉल पर मालाबार चिकन बिरियानी, चिकन थोरन, अंडा कबाब और चिकन कबाब की काफी मांग है।
दिल्ली निवासी राज बताते हैं कि एसएएफ के फूड स्टॉल पर विभिन्न प्रकार के समुद्री भोजन परोसे जा रहे हैं। “वहां पांच तरह की फिश करी मिलती है। ये करी मैकेरल, झींगा, सार्डिन, पोम्फ्रेट और सीयर मछली से बनाई जाती हैं। मछली बिरयानी, झींगा बिरयानी, मछली करी भोजन की अत्यधिक मांग है। गाजर पायसम और मथन पायसम भी एसएएफ फूड कोर्ट में उपलब्ध हैं। ये एक बेहतरीन अवसर है केरल राज्य के व्यंजन चखने का।”
दिल्ली निवासी रोशनी ने केरल के व्यंजनों, विशेषकर केले के चिप्स की प्रशंसा करते हुए कहा, “केरल फ़ूड कोर्ट हर साल राज्य का बेहतरीन खानपान लेकर आता है। हम अपने दोस्तों के साथ आकर यहाँ के अलग-अलग व्यंजनों का लुत्फ़ उठाते हैं। इस बार भी केरल फ़ूड कोर्ट सबसे अच्छा और स्वादिष्ट खाना परोस ररहा है।”
जबकि पटना (बिहार) के गौरव राज कहते हैं, “‘कप्पा मछली’ का स्वाद बहुत अद्भुत है। केरल फूड स्टॉल न केवल पारंपरिक व्यंजन पेश करते हैं बल्कि चुकंदर प्रोटीन पाउडर जैसे नवीन उत्पाद भी पेश करते हैं, जो केरल के विविध खानपान परिदृश्य का उदाहरण है। यहाँ आकर हम केरल के ज़ायका का आनंद उठाते हैं, अच्छा लगता है।”
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कुदुम्बश्री की प्रतिबद्धता मसालों और अद्वितीय केरल उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले बिक्री बूथों में स्पष्ट है। संगठन की सफलता 2013 में सर्वश्रेष्ठ बूथ पुरस्कार जीतने तक फैली हुई है, जो 25 वर्षों से अधिक के समर्पण का प्रमाण है।
टिकाऊ मत्स्य पालन के लिए केरल की प्रतिबद्धता को प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से उजागर किया गया है, जो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों के साथ पारंपरिक मछुआरों को सशक्त बनाता है। इस पहल का उद्देश्य समुद्री निर्यात आय को बढ़ाना, बेहतर तकनीक पेश करना और आर्थिक रिटर्न सुनिश्चित करना है।
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों की ओर रुख करते हुए, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी के साथ शीर्ष समुद्री भोजन निर्यातक के रूप में खड़ा है। देश का समुद्री खाद्य निर्यात उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाते हुए 2025 तक 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। केरल, जो कभी समुद्री भोजन निर्यात में अग्रणी था, फिर से प्रमुखता हासिल कर रहा है, जो भारत के समुद्री उत्पाद निर्यात में 14% का योगदान दे रहा है।
जैसे ही केरल के पाक चमत्कारों की सुगंध मेले में फैलती है, कुदुम्बश्री की उपस्थिति विरासत, नवाचार और सशक्तिकरण का उत्सव बन जाती है, जो स्थानीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर एक अमिट छाप छोड़ती है।