नई दिल्ली, दिवाली का अवसर – दिल्ली निवासी पुलकित चतुर्वेदी ने दिव्यांग एसोसिएशन को दिवाली के मौके पर उपहार देने के लिए स्विगी इंस्टामार्ट से कुछ खास ऑर्डर किए। पुलकित ने यह उम्मीद की थी कि उपहार समय पर पहुंचेंगे और दिव्यांगों के बीच खुशियाँ बांटने का उनका प्रयास सफल रहेगा। लेकिन इस दौरान एक अप्रत्याशित घटना घटी, जिसने न केवल पुलकित बल्कि स्विगी के प्रति भरोसा रखने वाले कई लोगों को निराश किया।
डिलीवरी के दौरान, स्विगी के डिलीवरी एजेंट ने दिव्यांग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से ऑर्डर देने से पहले अतिरिक्त 800 रुपये की मांग की, जो कि पहले से ही पूरी तरह से भुगतान किए गए ऑर्डर का हिस्सा नहीं था। जब एसोसिएशन के सदस्यों ने इस अनावश्यक शुल्क का भुगतान करने से इनकार किया, तो डिलीवरी एजेंट बिना ऑर्डर डिलीवर किए वहां से चला गया।
पुलकित ने स्विगी कस्टमर केयर से इस मामले की शिकायत की, लेकिन उन्हें वहां से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। स्विगी के कस्टमर केयर ने कहा कि शिकायत दर्ज करने के 24 घंटे बाद किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी जाएगी। पुलकित का कहना है कि स्विगी जैसी बड़ी कंपनी से यह उम्मीद नहीं की जा सकती थी कि वे ग्राहकों की समस्याओं को अनदेखा करें और अपने ही बनाए नियमों का हवाला देकर मदद करने से इंकार कर दें। बार-बार संपर्क करने के बावजूद पुलकित को हर बार वही जवाब दिया गया, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
ग्राहक सेवा पर सवाल और बढ़ते विरोध के स्वर
इस प्रकार की घटनाएँ न केवल ग्राहक सेवा में कमी को उजागर करती हैं बल्कि यह भी दिखाती हैं कि कंपनी संवेदनशील मामलों में भी मदद से पीछे हट सकती है। पुलकित ने इस मामले को सोशल मीडिया पर साझा किया, और लोगों में स्विगी के प्रति नाराजगी बढ़ने लगी है।
ग्राहकों की इस उपेक्षा और दिव्यांग एसोसिएशन के प्रति असंवेदनशीलता पर कई लोग सोशल मीडिया पर #BoycottSwiggy का समर्थन कर रहे हैं। यह घटना स्विगी जैसी बड़ी कंपनी की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करती है और दर्शाती है कि ऐसी नीतियों पर पुनर्विचार की आवश्यकता है ताकि ग्राहक सेवा का स्तर सुधारा जा सके और सभी ग्राहकों के साथ निष्पक्षता बरती जा सके।