
इंद्र वशिष्ठ
नई दिल्ली, चंडीगढ़ पुलिस के नवनियुक्त महानिदेशक (डीजी) डाक्टर सागर प्रीत हुड्डा ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि चंडीगढ़ मेरा अपना शहर है और चंडीगढ़ पुलिस मेरी पेरन्ट पुलिस ही लगा लीजिए, क्योंकि मेरी पहली पोस्टिंग यहीं से (एएसपी के पद से) शुरू हुई थी।
डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों को अच्छे से लागू करना ही उनकी पहली प्राथमिकता है। क्योंकि ये बहुत ही महत्वपूर्ण कानून है। बहुत ही क्रांतिकारी उनमें बदलाव आए हैं। नए कानून पीड़ित/ जनता केंद्रीत, जस्टिस ओरिएंटेड और जनता की सेवा के नजरिये/दृष्टि कोण से बनाए गए हैं। चंडीगढ़ पुलिस बहुत अच्छे से उनको लागू कर रही है। उनको अच्छे से लागू करने पर ही उनका जोर रहेगा।
कानून व्यवस्था ठीक करना और अपराधों पर काबू करना ही उनकी मुख्य प्राथमिकता है।
डीजीपी ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस की जो भी अच्छी स्कीम हैं उन्हें वह आगे बनाएंगे, चाहे वो आईटी, साइबर क्राइम के क्षेत्र में हो या कम्युनिटी पुलिसिंग के कार्यक्रम है।
सागर प्रीत हुड्डा ने पुलिसकर्मियों से कहा कि पुलिस की वर्दी केवल शक्ति का नहीं बल्कि सेवा और जिम्मेदारी का प्रतीक है। हमें जनता और राजनीतिक दबाव से ऊपर उठकर नैतिकता के साथ काम करना होगा। कोई भी इंसान थाने या चौकी तभी आता है जब वह बड़ी परेशानी में होता है। इसलिए उनसे अच्छा बर्ताव करें। अगर हम उसके जूते में खुद का पैर रखकर सोचेंगे तभी उसके दर्द को समझ पाएंगे और सही न्याय दिला पाएंगे। डीजीपी ने कहा कि जनता ही उनकी असली ताकत होती है।
डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि अपराध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। साइबर क्राइम, ड्रग्स सिंडिकेट और संगठित अपराध आज बड़ी चुनौती है। चंडीगढ़ में भी ऐसे अपराध काफी हैं। इनसे निपटने के लिए साइबर सेल को और मजबूत बनाना होगा ताकि डिजिटल अपराध पर लगाम कसी जा सके।
डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा ने कहा उनका चंडीगढ़ से 40 साल पुराना नाता है। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की। आईपीएस बनने के बाद 1999 में बतौर एएसपी चंडीगढ़ पुलिस में डेढ़ साल सेवा दी। 25 साल पहले भी इसी पुलिस लाइन में आया था। अब दोबारा इसी पुलिस लाइन में डीजीपी बनकर लौटना गर्व की बात है।
पुलिस लाइन में आयोजित परेड की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि स्टार लगाना और वर्दी पहनना सिर्फ सम्मान की बात नहीं, बल्कि इसके पीछे जनता की सेवा का संकल्प है। हमें मिलकर चंडीगढ़ पुलिस को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है।
काबिल IPS अफसरों में शुमार डॉक्टर सागर प्रीत हुड्डा, आईपीएस ( एजीएमयूटी-1997) दिल्ली पुलिस में स्पेशल कमिश्नर (इंटेलिजेंस, पीएमएमसी) के पद से पदोन्नति पाकर डीजीपी बने हैं।
वह दिल्ली पुलिस में आउटर और उत्तरी जिलों के डीसीपी, उत्तरी और पूर्वी रेंजों के ज्वाइंट कमिश्नर से लेकर स्पेशल कमिश्नर (इंटेलिजेंस, कानून-व्यवस्था आदि) तक के महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं । उन्होंने कई महत्वपूर्ण, सनसनीखेज मामलों की जांच में भी अहम भूमिका निभाई है।
मूलतः रोहतक, हरियाणा के निवासी
सागर प्रीत हुड्डा ने आईपीएस के रूप में 23 अगस्त 1997 को अपनी सेवा की शुरुआत की थी। वह अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। । सागर प्रीत हुड्डा ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एडवर्ड एस. मेसन फेलो के रूप में लोक नीति विश्लेषण (2014-15) में मास्टर की डिग्री , ड्यूक यूनिवर्सिटी के सैनफोर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी से लोक वित्त (2012) में सर्टिफिकेट और 2006 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से लीडरशीप और ग्लोबलाइजेशन में भी एक कोर्स किया है।
सागर प्रीत हुड्डा 1991 से 1997 तक पंजाब यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में पीएचडी की. इससे पहले 1989 से 1991 तक पंजाब यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन की।