हिंदू पंचांग में हर माह का अपना अलग ही महत्व है। हिंदुओं के लिए अगहन माह का विशेष रूप से महत्व है क्योंकि इस माह को भगवान ने स्वयं की ही संज्ञा दी है जिसकी वजह से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि सतयुग में देवताओं ने मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही वर्ष का प्रारंभ किया था। दरअसल, अगहन को मार्गशीर्ष के नाम से भी जाना जाता है। इसे लेकर कई तरह के तर्क दिए जाते हैं अनेक लोक कथाएं भी प्रचलित हैं। कुछ का उल्लेख तो हमें पुराणों में भी मिलता है, किंतु यहां हम आपको इस माह से जुड़ी कुछ विशेष बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।
-मान्यता है कि इस माह में भगवान विष्णु की या उनके ही स्वरूप भगवान कृष्ण की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह माह उनके पूजन के श्रेष्ठ माह में से एक बताया जाता है।
-कहा जाता है कि यदि शंख का पूजन कर उसमें जल भरकर भगवान विष्णु को अर्पित किया जाए और उसी जल को पूरे घर में छिड़का जाए तो क्लेष, दोष, कलह का निवारण होता है। और घर में शांति आती है।
-शंख मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। ऐसा भी उल्लेख मिलता है कि समुद्र मंथन के दौरान ही शंख समुद्र से अवतरित हुआ था जिसकी वजह से भी इस माह में शंख पूजन का महत्व बढ़ जाता है।
नया शंख खरीदना और भगवान के समीप रखकर उसका पूजन करने से भी विशेष पुण्य फल प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि किसी भी प्रकार दुखों के निवारण के लिए यदि इस दौरान भगवान से कामना की जाए तो मन्नत अवश्य ही पूर्ण होती है।
-इसी माह में दत्तात्रेय भगवान की जयंती भी मनायी जाती है अतः उनका पूजन भी विशेष फलों को प्रदान करने वाला बताया गया है।
-अगहन माह में ही चंद्रमा को सुधा प्राप्त हुई थी, जिसकी वजह से भी प्रभु कृपा के लिए यह माह उत्तम माना गया है। पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा पूजन अतिश्रेष्ठ माना गया है।
-यही नहीं यदि आपके घर में भगवद्गीता है तो दिन में एक बार उसे अवश्य ही प्रणाम करें, इससे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इसे हिंदू पंचांग का नौवां महीना माना गया है। अतः विद्वानों का मत है कि यदि पवित्र नदियों में स्नान कर पवित्र मन से भगवान विष्णु का पूजन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं अवश्य ही पूर्ण होती हैं।
-ऐसा भी कहा जाता है कि कश्यप ऋषि ने इसी माह कश्मीर प्रदेश बसाया था और अपनी सुंदर कल्पना को धरती पर साकार किया था, जिसकी वजह से भी इसका महत्व बढ़ जाता है।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                