मुंबई। आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रही महाराष्ट्र सरकार की मदद के लिए शिरडी साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट आगे आया है। ट्रस्ट निलवांडे सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए 500 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज देगा। इस रकम की मदद से निलवांडे बांध की नहरों का निर्माण कराया जाएगा। वहीं, एक सामाजिक कार्यकर्ता ने ट्रस्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने का एलान किया है अहमदनगर जिले के शिरडी स्थित प्रसिद्ध साईंबाबा मंदिर की देख-रेख करने वाले श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट और राज्य सरकार के गोदावरी-मराठवाड़ा सिंचाई विकास निगम ने इस संबंध में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ट्रस्ट के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। लेकिन अधिकारी ने कर्ज लौटाने की समयसीमा के बारे में कुछ नहीं बताया। वहीं, राज्य सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि परवन नदी पर बने निलवांडे बांध में पानी जमा होने लगा है। लेकिन सिंचाई और पेयजल की आपूर्ति के लिए उसके दोनों तरफ नहरों का निर्माण किया जाना है। नहरों के निर्माण से अहमदनगर और नासिक जिलों के 182 गांवों की सिंचाई और पेयजल की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। निलवांडे बांध को इसी साल जून में केंद्र सरकार से भी प्रधान मंत्री कृषि संजीवनी योजना के तहत 2,232 करोड़ रुपये मिले थे। इस बीच, कोपरगांव के रहने वाले कार्यकर्ता संजय काले ने ट्रस्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। उनका कहना है कि धन देने से ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं के लिए जो विकास कार्य शुरू किए हैं उस पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह धनराशि देने की वजह से ट्रस्ट अपने छह हजार अनुबंधित कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएगा, क्योंकि आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2016 में ट्रस्ट को नोटिस जारी कर 183 करोड़ रुपये की मांग की थी। यह केस अभी कोर्ट में लंबित है। अगर कोर्ट का फैसला ट्रस्ट के खिलाफ जाता है तो उसे आयकर विभाग को 1300 करोड़ रुपये देने पड़ेंगे। ऐसे में सरकार को 500 करोड़ रुपये देने से ट्रस्ट का खजाना खाली हो जाएगा।