बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रस्तावित मेकेदातू परियोजना राज्य का ‘हक’ और ‘जीवनभर का सपना’ है लेकिन उसने तमिलनाडु से भी संपर्क करने का प्रयास किया जो इस परियोजना के बिल्कुल खिलाफ है। मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सिंचाई योजनाओं पर अपने पूर्ववर्तियों और पूर्व जल संसाधन मंत्रियों के साथ परामर्श किया। उधर, तमिलनाडु विधानसभा में बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से अपील की कि वह कर्नाटक को मेकेदातू में कावेरी नदी पर उसके प्रस्तावित बांध के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के वास्ते दी गई मंजूरी वापस ले। कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘यह हमारे राज्य का हक है, हम इस मुद्दे पर किसी से कोई झगड़ा करना या गलतफहमी नहीं चाहते।’ उन्होंने कहा, ‘हम उससे (तमिलनाडु) अनुरोध करते हैं, वे लोग हमारे भाई जैसे हैं, हम मित्र हैं… हमें पानी साझा करना है… हम उनके साथ झगड़ा करना नहीं चाहते हैं।’ वह तमिलनाडु द्वारा इस परियोजना पर संदेह दूर करने के लिए कर्नाटक की वार्ता पेशकश को ठुकराये जाने के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, जगदीश शेट्टार, पूर्व जलसंसाधन मंत्री एल्लाम वीरभद्रप्पा, के एस ईश्वरप्पा, एच के पाटिल, एम बी पाटिल , बसावराज बोम्मई और तकनीकी एवं कानूनी विशेषज्ञ भी थे।