नई दिल्ली : मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणाम दिल्ली की राजनीति तय करेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन परिणामों पर सुबह से नजर बनाएं रखेंगे। परिणाम खत्म होने के बाद शाम चार बजे मुख्यमंत्री आवास पर उच्च स्तरीय बैठक होगी।
इस बैठक में आप के सभी दिल्ली सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक, पार्षद, स्थानीय स्तर के नेता व अन्य सभी शामिल होंगे। बैठक के संबंध में दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने बताया कि मुख्यमंत्री व उनकी अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है। बैठक में दिल्ली के बदलते समीकरण को लेकर चर्चा की जाएगी।
साथ ही लोकसभा चुनाव को लेकर आगे की रणनीति तय होगी। उन्होंने कहा कि मंगलवार के बाद से पार्टी पूरी तरह से लोकसभा चुनाव के लिए सक्रिय हो जाएगी। वर्तमान में लोकसभा क्षेत्र के लिए नियुक्त किए गए प्रभारियों को उनके काम के आधार पर उम्मीदवार या अन्य फैसला लिया जाएगा।
भाजपा की गुटबाजी को बनाए हथियार… आम आदमी पार्टी आने वाले दिनों में भाजपा में चल रही गुटबाजी को अपना हथियार बनाएगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा में व्यापक स्तर पर गुटबाजी है जो खुलकर सामने आ चुकी है। यदि भाजपा कार्यकर्ताओं को यह समझा दिया जाए कि आप जीत नहीं सकते हैं, जिसके लिए आप काम कर रहे हैं उन्हें पार्टी सम्मान ही नहीं दे रही तो इसका सीधा फायदा पार्टी को होगा। दिल्ली में भाजपा हर बार 32 से 33 फीसदी वोट हासिल करती है। यदि इस बार इन कार्यकर्ताओं को रिझा लिया गया तो यह प्रतिशत गिर सकता है, जिसका सीधा फायदा आप को होगा।
घोषित हो सकती है सीट…
आम आदमी पार्टी पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के लिए जल्द ही प्रभारी नियुक्त कर सकती है। पार्टी ने कई स्तरों पर चर्चा कर कुछ लोगों का चयन किया लेकिन अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
बता दें कि आप ने राजपाल सोलंकी को पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के लिए प्रभारी नियुक्त किया था, लेकिन बाद में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में लोकसभा सीट के लिए किसी वर्तमान विधायक को मौका नहीं दिया जाएगा।
बन सकती है कांग्रेस से बात … संभावना है कि आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े। पहले भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस संबंध में संकेत दे चुके हैं। उन्होंने खुलकर इसकी वकालत की थी। हालांकि अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ।
लेकिन सूत्र बताते हैं कि नेताजी (मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल) की महागठबंधन बैठक से साफ है कि कांग्रेस से जल्द गठबंधन हो सकता है। बदले में दिल्ली की कुछ सीट भी उन्हें दी जा सकती हैं। लेकिन पहले हरियाणा, राजस्थान और पंजाब की सीटों में हिस्सेदारी देनी होगी।