नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के विरोध में देशवासियों का गुस्सा रविवार को जंतर-मंतर से लेकर लेकर इंडिया गेट तक देखने को मिला। दिल्लीवालों ने अपने-अपने तरीके से विरोध जताया। जंतर-मंतर पर भारत जिंदाबाद तो पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।
वहीं इंडिया गेट पर लोगों ने कैंडल जलाकार शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोगों में गुस्सा भी खूब देखने को मिला। लोगों को कहना था कि अब सरकार से आश्वासन नहीं चाहिए तो बस बदला। लोगों ने मांग की कि खून का बदला खून से लेना चाहिए। एक के बदले पाकिस्तान के 10 सिर काटने चाहिए।
नहीं चेता पाक तो लाहौर कूच करेंगे पूर्व सैनिक… अब बहुत हो गया पाकिस्तान जो हिंदुस्तान के 136 करोड़ जनता के सामने सिर उठाकर देख सके। हमारे मुल्क में घुसकर हमारे रक्षक की हत्या की दुस्साहस कर सकें। समय आ गया है कि देश की जनता सड़कों पर आ जाए और जिस प्रकार हम ने पाकिस्तान को 1971 में दो टुकड़े किये, हम उसके चार टुकड़े कर देंगे। जरूत पड़ी तो पूर्व सैनिक श्रीनगर के रास्ते रावलपिंडी और फिर लाहौर कूच करेंगे। वहां पहुंचकर पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजा देंगे।
यह बात वेटरन्स इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय कुमार मिश्रा और जनरल जीडी बख्शी ने रविवार शाम को राजपथ से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च के दौरान कही। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिक उपस्थित रहे। कैंडल मार्च के बाद सभी ने इंडिया गेट पर शहीद वीर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। जीडी बख्शी ने कहा कि अब वक्त आ गया पाकिस्तान के दांतों तले चने चबाने का। उन्होंने कहा पाकिस्तान के खिलाफ हिन्दुस्तान ने कई युद्ध जीते हैं। बावजूद इसके पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है।
केंद्र में बैठी सरकार एक बार युद्ध का ऐलान कर रोज-रोज पाकिस्तान का ड्रामा को खत्म कर दे। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो हम 30 लाख पूर्व सैनिक पाकिस्तान में घुसकर उसे निस्तानाबूत कर देंगे। उन्होंने कहा कि देश में 30 लाख पूर्व सैनिक के अलावा 6 लाख सैनिकों के विधवा पत्नी और कुल मिलाकर 3 करोड़ 12 लाख पूर्व सेनाओं का परिवार है।
जो पाकिस्तान से बदला लेने को तैयार है। इस मौके पर एयर मार्शल एसके जिंदल, ब्रिगेडियर आरके शर्मा, कैप्टन साहब सिंह, महिमा गुप्ता, सुबेदार जोगिन्द्र सिंह सेंगर के अलावा सैकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिक कैंडल मार्च में भाग लिया।
स्कूलों में प्रार्थना सभा में एक हफ्ते तक रखवाया जाए मौन… पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों को इंसाफ दिलवाने और आतंकवादियों से बदला लेने के लिए देश भर में प्रदर्शन और मार्च निकाले जा रहे हैं। जगह-जगह पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे और पुतले फूंके जा रहे हैं। वहीं मौन रखकर भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है।
इस दिशा में स्कूलों में भी शिक्षक और बच्चे दो मिनट का मौन रखकर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। वहीं अब सरकारी स्कूलों की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी(एसएमएसी) ने स्कूलों में एक हफ्ते तक प्रार्थना सभा में मौन रखवाए जाने की मांग की है।
एसएमसी मेंबर डॉ. डीके तनेजा का कहना है कि बच्चे-बच्चे को इस घटना के बारे में जानकारी मिले और वे शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करें, इसलिए सभी स्कूलों में एक हफ्ते तक मौन रखवाया जाना चाहिए।