देश में लोकसभा चुनावों की घोषणा 7 से 10 मार्च के बीच कभी भी हो सकती है इसलिए मोदी सरकार अपना कामकाज तेजी से निपटाने में लगी है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 मार्च को देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे और उसी शाम मोदी मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक होगी। हालांकि कैबिनेट की बैठकें नयी सरकार बनने तक जारी रह सकती हैं लेकिन इन बैठकों में कैबिनेट के पास पूरे अधिकार नहीं होंगे। चुनाव आचार संहिता लग जाने के कारण तब सरकार को अपने लगभग सभी फैसलों के बारे में चुनाव आयोग को बताना होगा या उसकी मंजूरी लेनी होगी। इस तरह की भी रिपोर्टें हैं कि चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को भेजे एक परिपत्र में उन्हें यह निर्देश दिया है कि 28 फरवरी तक चुनावों की तैयारी के लिए प्रशासनिक कार्यों को निपटा लिया जाये और यदि तबादला आदि की प्रक्रिया भी 28 फरवरी से पहले पूरी कर ली जाये। उसके बाद किसी अधिकारी का तबादला किया जायेगा तो उसके बारे में चुनाव आयोग को पर्याप्त कारण बताना होगा। चुनाव आयोग 7 से 10 मार्च के बीच लोकसभा चुनावों की घोषणा करेगा इस बात की संभावना को इसलिए भी बल मिलता है कि 2004 के लोकसभा चुनावों की घोषणा 29 फरवरी को, 2009 के लोकसभा चुनावों की घोषणा 2 मार्च को और 2014 के लोकसभा चुनावों की घोषणा 5 मार्च को की गयी थी।इस बीच, देश के बड़े अंग्रेजी समाचारपत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की ओर से कराये गये ऑनलाइन सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी सबसे पसंदीदा नेता के रूप में उभर कर आये हैं। उन्हें लगभग 84 प्रतिशत, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 8 प्रतिशत से कुछ ज्यादा, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लगभग 1.5 प्रतिशत और बसपा मुखिया मायावती को लगभग आधा प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पसंद बताया है। निश्चित ही इस सर्वेक्षण से भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का मनोबल बढ़ा है। इस सर्वेक्षण की खास बात यह रही कि इसमें लगभग 75 प्रतिशत लोगों ने माना है कि राफेल विवाद का प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।