महिलाओं की इज्जत करना हर पुरूष का दायित्व महिलाए पुरुषों रीढ़ होती है

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महिलाओं की इज्जत करना हर पुरूष का दायित्व है फिर चाहे वह उसका भाई हो दोस्त हो पति हो या फिर सहकर्मी और इस चलन की शुरूआत हर इंसान को अपने घर से करनी चाहिए। एक महिला ही है जो अपने बेटे को महिलाओं की इज्जत करना सिखा सकती है यह कहना था फेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉय के निदेशक बी. एन. तिवारी का जो मारवाह स्टूडियो में चल रहे 11वें ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल में शिरकत करने आये, उन्होंने आगे कहा की हिंदी फिल्मो में महिला पर आधारित फिल्मे अब ज्यादा बनने लगी है मदर इंडिया से लेकर पिंक तक हिंदी सिनेमा में बहुत बदलाव आया है और वो बदलाव समाज में भी देखने को मिलता है। इस अवसर पर रोमानिया के हाई कमिश्नर राडु ऑक्टेवियन डोबरे, स्लोवेनिया के हाई कमिश्नर जोज़ेफ़ डरोफैनिक, लिसोथो के हाई कमिश्नर बोथाटा सिकोन, निर्माता श्रीधर चारी, निर्देशक राजेंद्र पारसेकर, फेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉय के गंगकेशवर लाल श्रीवास्तव, अशोक दुबे और अर्पणा अग्रवाल उपस्थित हुए।
राडु ऑक्टेवियन डोबरे ने कहा की मुझे इंडियन फिल्मे बहुत पसंद है खासकर वह फिल्मे जिसमे महिला का एक क्रन्तिकारी रूप नज़र  आता है।  जोज़ेफ़ डरोफैनिक ने कहा की मुझे यहाँ आकर हमेशा ही  एक अजीब सी ख़ुशी मिलती है क्योकि संदीप मारवाह और उनके छात्रों का जोश देखकर एनर्जी आ जाती है। बोथाटा सिकोन ने कहा हमारे देश में भारतीय फिल्मे बहुत पसंद की जाती है, यहाँ की महिला का  मज़बूत किरदार भारतीय फिल्मो में नज़र आता है। संदीप मारवाह ने कहा की आज बहुत अच्छा लग रहा है महिला सशक्तिकरण और इंडियन सिनेमा के विषय पर सभी के विचार सुनकर। फिल्मो का लोगो पर इतना असर है की मधुबाला से लेकर आलिया तक,  अगर माँ की बात करे तो निरुपा रॉय से लेकर रीमा लागू तक, और कामकाजी महिला को देखे तो विद्या सिन्हा से लेकर विद्या बालन तक सभी चेहरे हमारी आँखों के सामने नज़र आ जाते है, सच कहा जाए तो महिलाओ के बिना फिल्म अधूरी है। अर्पणा अग्रवाल ने कहा मेरा मानना है की महिलाए पुरुषों रीढ़ होती है जिसके बिना समाज खड़ा नहीं हो सकता। इस अवसर पर  निर्माता श्रीधर चारी  ने कहा कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पिछड़ी नहीं रह गयी है बल्कि उनसे आगे निकल गयी है हर क्षेत्र में, और मेरे लिए गौरव की बात है मुझे इतनी विशिष्ठ महिलाओं को सम्मानित करने का अवसर मिला। समारोह के दूसरे दिन कई फिल्मो की स्क्रीनिंग हुई जैसे काग पंत, स्किन ऑफ़ मार्बल, बनारसी जासूस और नो माइंड।

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