मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए बेताब हूं: कमलनाथ

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पिपलानी (बुधनी)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को बड़ा मुकाबला बताते हुए कहा कि वह राज्य में अपनी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए बेताब हैं। कांग्रेस पांच करोड़ मतदाता वाले इस विशाल राज्य में साल 2003 से सत्ता से बाहर है। भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया था। कांग्रेस सत्ता से भाजपा को हटाने के लिए तमाम कोशिश कर रही है और विधानसभा की 230 सीटों के लिए 28 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए आक्रामक प्रचार कर रही है।

भाजपा ने राज्य में विधानसभा के अंतिम चुनाव में 44.88 प्रतिशत वोट के साथ 165 सीटें जीती थी जबकि 42.67 प्रतिशत वोट के साथ कांग्रेस को महज 58 सीटें मिली थी। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और अपनी पार्टी के महत्वपूर्ण प्रचारक कमलनाथ ने साक्षात्कार में कहा कि वह पार्टी के एक कार्यकर्ता हैं जो मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए बेताब हैं। कमलनाथ ने इस सवाल का सीधा जवाब देने से परहेज किया कि चुनाव जीतने पर क्या उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है?
कांग्रेस के उम्मीदवार अरुण यादव के समर्थन में बुधनी विधानसभा सीट पर अपनी पहली प्रचार रैली में उन्होंने कहा, ‘‘यह किस तरह होगा, इस बारे में (कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गांधीजी फैसला करेंगे।’’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी से भाजपा उम्मीदवार हैं और पारंपरिक रूप से इस सीट को भगवा पार्टी का गढ़ माना जाता है। अरुण यादव प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख हैं और कुछ महीने पहले ही दिल्ली में पार्टी आलाकमान ने प्रदेश के नेतृत्व में बदलाव किया था।

राज्य में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से संसद सदस्य कमलनाथ ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर सरकारी परिसरों में आरएसएस की शाखा आयोजित करने पर प्रतिबंध लगाने के लिए पार्टी के घोषणापत्र से छिड़े विवाद को लेकर भाजपा पर पलटवार किया। भाजपा के कुछ नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस आरएसएस पर प्रतिबंध लगाना चाहती है। इस पर कमलनाथ ने कहा कि उनकी पार्टी केवल प्रोटोकॉल लागू करना चाहती है कि जो चौहान के पहले भाजपा के दो मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल के दौरान लागू था।
उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) झूठ बोलकर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने कभी नहीं कहा कि हम आरएसएस पर प्रतिबंध लगाएंगे। मैंने कहा है कि हम केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक और उमा भारती और बाबूलाल गौर के समय में जो लागू था उसे लागू करेंगे।’’ यह पूछा गया कि क्या यह ऐसा मुकाबला है जहां कांग्रेस की साख का फैसला होगा। इस पर कमलनाथ ने कहा, ‘‘राजनीति में करो या मरो कुछ नहीं होता लेकिन निश्चित तौर पर समाज के हर तबके को ठगने वाली इस सरकार को बेनकाब करने के लिए यह बड़ा मुकाबला है।’’ नौ बार संसद के लिए चुने जा चुके 72 वर्षीय नेता ने कहा, ‘‘आज सवाल है कि लोग किसपर भरोसा करते हैं और मेरा मानना है कि शिवराज सिंह चौहान जी और मोदीजी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के प्रति लोगों का भरोसा खत्म हो चुका है।’’

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