दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आज सोमवार को होगा। इस दौरान दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री पर हुए मिर्ची हमले और दिल्ली चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट में से मतदाताओं के नाम काटने को लेकर ‘आप’ विधायकों की ओर से हंगामा होने के आसार हैं। भाजपा और कांग्रेस ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर सवाल उठाए हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार सिर्फ राजनीतिक कारणों के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाती है। इससे दिल्ली की जनता को कोई लाभ नहीं मिलता है।
दिल्ली सरकार के सूत्रों की मानें तो सत्र के दौरान ‘आप’ विधायक मुख्यमंत्री पर हुए हमले को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त को दिल्ली विधानसभा में बुलाने का प्रस्ताव रख सकते हैं। इससे पहले भी आप विधायकों को पुलिस द्वारा पकड़ने या परेशान करने के आरोप में आप विधायक पुलिस आयुक्त को बुलाने का प्रस्ताव सदन से पास करवा चुके हैं। दिल्ली विधानसभा अधिकारी ने बताया कि सोमवार को बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान वोटर लिस्ट से काटे गए दिल्लीवासियों के नाम को लेकर चर्चा प्रस्तावित है। साथ ही मुख्यमंत्री पर हुए मिर्च हमले को लेकर भी चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान विधायक पुरानी घटनाओं को रखते हुए दिल्ली पुलिस के संबंध में चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि चर्चा के लिए कई विधायकों के नाम आ रहे हैं। संभावना है कि दोपहर 2 बजे से शुरू होने वाले सत्र में अधिकतर विधायकों को चर्चा का हिस्सा बनने का मौका दिया जा सकता है।
बढ़ सकता है सत्र का समय
सोमवार को एक दिन के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र का समय एक दिन के लिए और बढ़ाया जा सकता है। आप विधायकों का कहना है कि प्रस्तावित मुद्दों पर यदि सोमवार को पूरी चर्चा नहीं हो पाती तो सत्र को मंगलवार तक के लिए बढ़ाने की मांग रखी जाएगी।
विपक्ष ने साधा निशाना
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, यह सरकार पूरी तरह से मनगढंत राजनीतिक मुद्दों पर विशेष सदन बुला रही है। हम इसकी कड़ी आलोचना करते हैं। अगर केजरीवाल सरकार में थोड़ा सा भी साहस है तो वह राजनीतिक मुद्दों की बजाए जनहित के मुद्दों पर सदन में चर्चा करवाकर दिल्ली को विकास के मार्ग पर ले जाएं।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय माकन ने कहा, व्यक्तिगत व निराधार मुद्दों पर सत्र बुलाए जाने से न सिर्फ विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचती है बल्कि जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा भी बर्बाद होता है। मुख्यमंत्री के पास जानलेवा प्रदूषण, गैर कानूनी सीलिंग आदि जैसे ज्वलंत मुद्दों पर बात करने का समय नहीं है। जबकि, ये मुद्दे जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं।
कपिल मिश्रा ने तीन प्रस्ताव लगाए
आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने भी विधानसभा सत्र में तीन प्रस्ताव लगाए हैं। मिश्रा ने सत्र में रखे पहले प्रस्ताव में डीटीसी कर्मचारियों की मांगों पर विशेष चर्चा, समान काम समान वेतन को लागू करने और सभी अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित करने का संकल्प पारित करने की मांग की है। दूसरे प्रस्ताव में बढ़ते प्रदूषण और सरकार के एक्शन प्लान के संबंध में सरकार द्वारा श्वेत पत्र सरकार जारी करने की मांग की गई है। तीसरा प्रस्ताव दिल्ली में बांग्लादेशी और रोहिंग्या की संख्या के संबंध में सरकार की ओर से आकंड़े प्रस्तुत करने को कहने के संबंध में है।