श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन को 6 महीने पूरे होने के बाद बीती रात को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। बता दें कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इससे जुड़े पत्र पर हस्ताक्षर किए और आदेश जारी कर दिया। जम्मू कश्मीर की तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़े जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मुफ्ती के इस्तीफे के बाद प्रदेश में राजनीतिक संकट बना हुआ था। जिसको ध्यान में रखते हुए सभी विपक्षी पार्टियों ने अपने मतभेद खत्म कर सरकार बनाने की कोशिश की लेकिन इससे पहले ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी। हालांकि, राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति शासन को हटाकर चुनाव कराए जाए ताकि प्रदेश की जनता अपनी सरकार चुन सकें। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने वाली राज्यपाल सत्यपाल मलिक की रिपोर्ट पर सोमवार को फैसला किया था। संविधान के अनुच्छेद 74(1)(आई) के तहत प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को मदद करेगी और सलाह देगी। राष्ट्रपति शासन की अधिघोषणा के बाद संसद राज्य की विधायिका की शक्तियों का इस्तेमाल करेगी या उसके प्राधिकार के तहत इसका इस्तेमाल किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान है। ऐसे मामलों में जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत वहां छह माह का राज्यपाल शासन अनिवार्य है। इसके तहत विधायिका की तमाम शक्तियां राज्यपाल के पास होती हैं।