ब्रज जन सेवा समिति द्वारा मनाया गया कार्तिक महोत्सव

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डॉ. गोपाल चतुर्वेदी

वृन्दावन।ज्ञान गुदड़ी क्षेत्र स्थित श्रीवृन्दावन चंद्र मन्दिर में ब्रज जन सेवा समिति के द्वारा चतुर्थ कार्तिक महोत्सव अत्यंत श्रद्धाभाव के साथ समिति के संरक्षक पंडित देवकीनंदन शर्मा संगीताचार्य के सानिध्य में मनाया गया।महोत्सव का शुभारंभ श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज ने ठाकुर श्रीवृन्दावन चंद्र जू महाराज के समक्ष वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि कार्तिक मास अत्यंत उत्सवधर्मी मास है।इस माह में शरद पूर्णिमा, करवाचौथ, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, गौवत्स द्वादशी, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गिरिराज गोवर्धन पूजा, यम द्वितीया, भैया दौज, गोपाष्टमी, अक्षय नवमी, देवोत्थान एकादशी एवं तुलसी शालिग्राम विवाह महोत्सव आदि जैसे अनेक मांगलिक उत्सव हैं। जो कि भारतीय वैदिक संस्कृति के प्राण हैं। इन पर्वों व त्योहारों से भारतीय वैदिक संस्कृति निरन्तर पल्लवित व पोषित होती है।
आचार्य रामनिहोर त्रिपाठी व आचार्य पीठाधीश्वर यदुनन्दनाचार्य महाराज ने कहा कि कार्तिक मास अत्यंत महिमामयी मास है।क्योंकि कार्तिक मास के अधिदेव राधाकृष्ण हैं।इसे दामोदर मास भी कहा गया है।इस मास में किए गए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान शतगुणा अधिक फल प्रदान करने वाले होते हैं। “स्कन्द पुराण” एवं “श्रीभक्ति विलास” आदि ग्रंथों में इस मास की महिमा का विस्तार से वर्णन है।
पुराणाचार्य डॉ. मनोजमोहन शास्त्री व प्रख्यात भागवताचार्य पंडित राधे राधे महाराज ने कहा कि श्रीधाम वृंदावन राधाकृष्ण के उत्सवों की भूमि है।यहां वर्ष के 365 दिन ठाकुरजी के उत्सव मनाये जाते हैं।इन उत्सवों में कार्तिक मास में होने वाले विशेष उत्सवों की अत्यधिक प्रधानता है।इसीलिए यहां कार्तिक महोत्सव मनाया गया है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि कार्तिक मास ठाकुर श्रीराधा कृष्ण को अतिप्रिय है। इसलिए इस माह में देश ही नहीं अपितु विदेशों से भी असंख्य भक्त-श्रृद्धालु ब्रज-वृन्दावन में आकर पूजा, अनुष्ठान, व्रत, परिक्रमा एवं दान आदि कर पुण्य अर्जित करते हैं।
विद्वत संगोष्ठी में आचार्य युगल किशोर कटारे, डॉ. रमेश चंद्राचार्य महाराज विधिशास्त्री, रासाचार्य स्वामी रामशरण शर्मा, आचार्या नेत्रपाल शास्त्री, पण्डित सुरेशचंद्र शर्मा, पण्डित महेश भारद्वाज, आशीष साहा, असीम साहा(कोलकाता), चैतन्य किशोर कटारे ने अपने विचार व्यक्त किए।संचालन ब्रज जन सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. राधाकांत शर्मा ने किया।
सरस भजन संध्या में प्रख्यात भजन गायक गोपाल कुमार ने संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य ठाकुर श्रीराधा कृष्ण की महिमा से ओतप्रोत भजनों का गायन कर सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।इसके अलावा रासाचार्य स्वामी प्रेमशरण शर्मा व पण्डित रामेश्वर शर्मा आदि ने भी अपने-अपने भजनों की प्रस्तुति दीं।
इस अवसर पर ब्रजबिहारी शर्मा, ब्रजमोहन शर्मा, जगनमोहन शर्मा, प्रवीण वशिष्ठ, रुक्मणि शर्मा, श्याम सुंदर शर्मा, गोविंद शर्मा, पण्डित विष्णुकांत भारद्वाज, ईश्वरचंद्र रावत, आलोक शर्मा, देवांशु शर्मा, दानबिहारी शर्मा, मनोज ठाकुर आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं भंडारे के साथ हुआ।

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