गुजरात के राज्यपाल मआचार्य देवव्रत 20 नवम्बर को दिल्ली में ‘ भारतात्मा वेद पुरस्कार ‘ करेंगे प्रदान

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गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत20 नवम्बर , 2023 को अशोक सिंघल की पुण्य स्मृति में ‘भारतात्मा वेद पुरस्कार’ प्रदान करेंगे। भारतात्मा पुरस्कार वितरण समारोह श्री सत्य साईं सभागार, लोधी रोड, प्रगति विहार, नई दिल्ली, दिल्ली 110003 में सायं 5:00 बजे से प्रारम्भ होगा। यह पुरस्कार वितरण समारोह परम पूज्य स्वामी श्री गोविन्ददेव गिरिजी महाराज के पावन सान्निध्य में होगा। भारतात्मा पुरस्कार की यह सातवीं शृंखला है।

भारतात्मा अशोकजी सिंघल वेद पुरस्कार : भारतात्मा अशोकजी सिंघल वेद पुरस्कार विश्व हिन्दु परिषद के संस्थापक सदस्य भारतात्मा श्री अशोकजी सिंघल की पुण्य स्मृति में प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार का प्रमुख उद्देश्य वैदिक शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ वैदिकों को पहचानना करना तथा स्व॰ अशोक सिंघल की पावन स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखना है।

वैदिक क्षेत्र में प्रति वर्ष प्रदान किया जाने वाला यह सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार है। यह पुरस्कार प्रति वर्ष उत्कृष्ट वेदविद्यार्थी, आदर्श वेदाध्यापक तथा उत्तम वेदविद्यालय की तीन श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के अन्तर्गत उत्कृष्ट वेदविद्यार्थी को एक पदक, तीन लाख रु॰, प्रमाणपत्र, आदर्श वेदाध्यापक को एक पदक, पाँच लाख रु॰, प्रमाणपत्र तथा उत्तम वेदविद्यालय को एक स्मृति चिह्न, सात लाख रु॰ और एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।

चयन प्रक्रिया : भारतात्मा पुरस्कार-2023 के लिए मई और जून माह में सम्पूर्ण भारत से अनुशँसा एवं आवेदन मांगे गए थे। प्राप्त आवेदनों को निर्धारित मापदण्डों के आधार पर छांटे गए और एक वेदविशेषज्ञों की समिति के समक्ष गोपनीय रुप से रखे गए। समिति ने उत्कृष्ट वेदविद्यार्थी श्रेणी में तीन, आदर्श वेदाध्यापक श्रेणी में तीन तथा उत्तम वेदविद्यालय श्रेणी में दो नामों को अनुशंसित किया है। अब 19 नबम्बर को एक वेदविशेषज्ञों की वरिष्ठ समिति इन नामों पर विचार कर अन्तिम निर्णय प्रदान करेगी तथा अन्तिम विजेता को चुनेगी। प्रत्येक श्रेणी के अन्तिम विजेता को 20 नवम्बर को भारतात्मा पुरस्कार वितरण समारोह में माननीय राज्यपाल महोदय, गुजरात के कर कमलों द्वारा पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

वेदार्पित सम्मान : सिँघल फाण्डेशन द्वारा प्रतिवर्ष एक ऐसे वैदिक विद्वान का चयन किया जाता है, जिन्होनें अपना सम्पूर्ण जीवन वैदिक जीवनचर्या का आचरण करते हुए व्यतीत किया हो, वैदिक ज्ञान की श्रुति परम्परा के प्रसार में अमूल्य योगदान प्रदान किया हो तथा वैदिक ज्ञान के संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया हो।

सिंघल फाउण्डेशन के न्यासी श्री संजय सिंघल ने बताया कि वर्ष 2023 के लिए एक ऐसे विद्वान का चयन सिंघल फाउण्डेशन द्वारा किया गया है, जिन्होने अपनी सम्पूर्ण जीवन वेदों के अध्ययन और अध्यापन में समर्पित कर दिया है तथा वैदिक ज्ञान की श्रुति परम्परा के संरक्षण, संवर्द्धन में अपनी अमूल्य योगदान प्रदान किया है। उन्होनें विस्तृत शिष्य-प्रशिष्य परम्परा को स्थापित भी किया है। उनका नाम 20 नवम्बर को आयोजित समारोह में घोषित किया जाएगा।

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