मुजफ्फरनगर: सोमवार यानी 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मंदिर विवाद मामले की सुनवाई होगी. राम मंदिर मामले में सुनवाई को लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मामले की सुनवाई शुरू होने जा रही है. यह सुनवाई बहुत जल्द पूरी होगी और फैसला आएगा. सभी राम भक्तों को कोर्ट के फैसले का इंतजार है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में विवादित जमीन पर भव्य राम मंदिर का ही निर्माण होगा. वहां, बाबर के नाम पर कोई स्मारक नहीं बनेगा.
बता दें, पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सबरीमाला को लेकर भी बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को भी वही फैसला सुनाना चाहिए, जिसका अनुपालन किया जा सके. उनके इस बयान पर तमाम पार्टियां हमलावर हो गई है. उन्होंने कहा कि था कि हम उनलोगों के साथ हैं जो सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. सरकार ने कोर्ट का फैसला मानते हुए मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को स्वीकार किया है.
राम मंदिर मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच करेगी. इस बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसफ शामिल हैं. कल की सुनवाई में नई तारीख का ऐलान किया जाएगा, जिसके बाद इस मामले की नियमित सुनवाई शुरू होगी. इससे पहले इस मामले को तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की बेंच सुनवाई कर रही थी.
बता दें, पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्षों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने 1994 के इस्माइल फारुकी के फैसले में पुनर्विचार के लिए मामले को संविधान पीठ भेजने से इंकार कर दिया था. मुस्लिम पक्षों ने नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का जरूरी हिस्सा न बताने वाले इस्माइल फारुकी के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी. आपको बता दें कि राम मंदिर के लिए होने वाले आंदोलन के दौरान 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था. इस मामले में आपराधिक केस के साथ-साथ दीवानी मुकदमा भी चला था. टाइटल विवाद से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.