सीबीआई विवाद को राहुल गांधी ने राफेल से जोड़ा, कहा- सौदे का पेपर इकट्ठा कर रहे थे आलोक वर्मा

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नयी दिल्ली। विपक्षी पार्टियों ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने के लिए भाजपा सरकार की निंदा की है। वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच टकराव चल रहा है और केंद्र ने दोनों ही अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया है। इस बीच झालावाड़ में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि CBI चीफ आलोक वर्मा राफेल सौदे के पेपर इकट्ठा कर रहे थे, इसलिए उनकी छुट्टी की गई है। राहुल गांधी ने कहा कि कल रात को चौकीदार ने CBI निदेशक को हटा दिया। राहुल ने साफ तौर पर कहा कि ‘चौकीदार’ ने कल रात सीबीआई के निदेशक को हटाया क्योंकि जांच एजेंसी राफेल पर सवाल उठा रही थी। इसके अलावा कांग्रेस ने वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को एजेंसी की स्वतंत्रता खत्म करने की अंतिम कवायद बताया है जबकि माकपा ने सरकार के इस फैसले को गैरकानूनी करार दिया। वहीं आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने के पीछे की वजह की बताने को कहा है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने हैरत जाहिर करते हुए सवाल किया कि क्या वर्मा को, राफेल घोटाले में भ्रष्टाचार की जांच करने की उत्सुकता की वजह से ‘हटाया’ गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में जवाब भी मांगा।

सुरजेवाला ने क्या कहा?
सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, “मोदी सरकार ने सीबीआई की स्वतंत्रता को खत्म करने की ‘आखिरी कवायद’ की। सुनियोजित तरीके से सीबीआई को खत्म करने और उसे बदनाम करने की कोशिश पूरी हो गई। प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई की ईमानदारी, विश्वसनीयता खत्म हो जाए।’  कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री मोदी ने सीबीआई को बर्बाद कर अपना कुख्यात ‘मोदी मेड गुजरात मॉडल’ का असली रंग दिखाया है। क्या सीबीआई निदेशक को राफेल घोटाले की जांच की उत्सुकता की वजह से हटाया गया है? क्या यह एक घटिया लीपापोती है? प्रधानमंत्री जवाब दें।’
केजरीवाल ने भी साधा मोदी सरकार पर निशाना
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजने के पीछे की वजह क्या है? लोकपाल अधिनियम के तहत नियुक्त किए गए एक जांच एजेंसी के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार मोदी सरकार को किस कानून के तहत मिला। मोदी क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?’

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