ग्रामीण जनता पर ड्रोन दीदी पहल का प्रभाव” विषय पर एक पैनल चर्चा के दौरन ड्रोन तकनीक के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने और खेती में सुधार लाने में इस अभिनव कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डाला गयाऔर यह जानकारी दी गई की इस कार्यक्रम के प्रति ग्रामीण महिलाओ में काफी रुझान है और इसके क्रियानवयन के उत्साहजनक परिणाम रहे है।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार के नारी शक्ति, विकसित भारत कार्यक्रम पर प्रकाश डाला गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण जनता, विशेषकर महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाना है। एनआरएफएमटीटीआई, हिसार के निदेशक और प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ. मुकेश जैन , नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (एनएफएल) महाप्रबंधक (एचआर और मार्केटिंग), संजीव रणदेवा, और वाउ गो ग्रीन एलएलपी के प्रबंध निदेशक,डॉ. शंकर गोयनका ने अपने विचार साझा किए।
डॉ. मुकेश जैन ने कृषि में ड्रोन तकनीक के महत्व पर जोर दिया, जबकि संजीव रणदेवा ने ग्रामीण विकास में एनएफएल के योगदान की चर्चा की । डॉ. शंकर गोयनका ने इस कार्क्रम की प्रभावी कार्यान्वयन रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए चर्चा का संचालन किया। इंडियन वीमेन’स प्रेस करॉस्पोण्डेंस क्लब दिल्ली में एक मीडिया से चर्चा के दौरन भटिंडा और बरनाला की दो प्रेरक ड्रोन दीदियों की परिवर्तनकारी यात्राओं पर प्रकाश डालते हुए ड्रोन तकनीक की दुनिया में प्रवेश करने के अपने अनुभव साझा किए। बरनाला की सुश्री रेखा रानी ने व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद अपने आप को आत्मविश्वास से भरपूर पाया , जिसने उन्हें तकनीकी कौशल और सशक्तीकरण की भावना से लैस किया और अब वह उनके परिवार के प्रबंधन में महत्वपूर्ण योदान दे रही है। सुश्री रेखा रानी ने प्रशिक्षण और कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत करने के लिए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे इन अवसरों ने उन्हें सार्थक रूप से जुड़ने और अपने परिवारों के लिए आय के अतिरिक्त स्रोत बनाने का अवसर दिया है ।
भटिंडा की सुश्री जसबीर कौर ने बताया कि फसल के चरम मौसम के साथ उनकी आय बढ़कर 5,000 रुपये प्रतिदिन हो गई है। कम उत्पादन वाले मौसम में भी, उन्होंने 3,000 रुपये प्रतिदिन की सम्मानजनक आय प्राप्त की है। इस आर्थिक स्थिरता ने उन्हें एक संरक्षक की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया है, जिससे उनके गांव की अन्य महिलाओं को भी इसी तरह के प्रशिक्षण के अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
ड्रोन दीदी पहल नवंबर 2023 में शुरू की गई नमो ड्रोन दीदी योजना का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य कृषि गतिविधियों में सहायता के लिए 15,000 महिला-नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन से सशक्त बनाना है। जसबीर कौर और रेखा रानी जैसी महिलाओं के साथ इस कार्यक्रम ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं।
ड्रोन दीदी पहल की मुख्य विशेषताएं:
– प्रौद्योगिकी के माध्यम से सशक्तिकरण: ड्रोन प्रौद्योगिकी कृषि दक्षता और उत्पादकता को बढ़ाती है, जिससे महिलाओं को सशक्तीकरण और अपने परिवारों में योगदान हुए प्रबंधन में भागीदारी की भावना मिलती है।
– आर्थिक स्थिरता: ड्रोन दीदी पीक सीजन के दौरान प्रतिदिन 5,000 रुपये और लीन सीजन के दौरान प्रतिदिन 3,000 रुपये तक कमा सकती हैं।
– मार्गदर्शन और सामुदायिक भावना: सफल ड्रोन दीदी अपने गांवों में अन्य महिलाओं को इसी तरह के प्रशिक्षण के अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित और मार्गदर्शन कर रही हैं।
– सरकारी सहायता: सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के लिए आय के अतिरिक्त स्रोत बनाने के लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास प्रदान करने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं।
इन ड्रोन दीदियों की सफलता ग्रामीण समुदायों में मौजूद लचीलेपन और क्षमता की एक शक्तिशाली याद दिलाती हैं, जिन्हें प्रशिक्षण और सहायता के माध्यम से अनलॉक किया जाना है। उन्हें सही कौशल और संसाधनों से लैस करके, ये महिलाएँ अपने जीवन को बदल रही हैं और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।
ड्रोन दीदी पहल की सफलता का श्रेय डॉ. शंकर गोयनका जैसे दूरदर्शी उद्यमियों को जाता है, जिन्होंने किफायती कीमतों पर और रिकॉर्ड समय में ग्रामीण लोगों तक ड्रोन पहुँचाए। एक अग्रणी उद्यमी के रूप में, डॉ. गोयनका ने नवाचार और स्थिरता के जुनून से प्रेरित होकर WOW Factors की स्थापना के लिए अपना पारिवारिक व्यवसाय छोड़ दिया। कृषि-तकनीक और टिकाऊ खेती के तरीकों पर उनका जोर कृषि परिदृश्य को बदलने में सहायक रहा है।
डॉ. गोयनका के नेतृत्व में, WOW Factors ने ग्रामीण महिलाओं के लिए ड्रोन सुलभ बनाए हैं, जिससे वे खेती की दक्षता और उत्पादकता बढ़ा पा रही हैं। इस पहल का प्रभाव सुश्री रेखा रानी और सुश्री जसबीर कौर जैसी ड्रोन दीदियों की कहानियों में स्पष्ट है, जिन्होंने तकनीकी कौशल, आर्थिक स्थिरता और सशक्तिकरण की भावना हासिल की है। डॉ. गोयनका के अभिनव दृष्टिकोण और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में शानदार बदलाव लाया है, जिससे भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हुआ है
इस कार्क्रम में विभिन्न कड़ियों का संचालन एयर पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के भूतपूर्ण महाप्रबंधक ( जनसम्पर्क) जी एस बावा ने किया