
पृथ्वी माँ के प्रति अपने प्रेम और कर्तव्य को निभाते हुए, टीम अनुराग्यम – फरीदाबाद चैप्टर ने पृथ्वी दिवस 2025 के अवसर पर एक भावनात्मक और प्रेरणादायक वृक्षारोपण और कचरा उठाओ अभियान का आयोजन किया। यह आयोजन फरीदाबाद और दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में संपन्न हुआ जिसने न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई बल्कि दिलों को भी जोड़ा। जब पहला पौधा लगाया गया, वह केवल वृक्ष नहीं था – वह एक वादा था। एक वादा कि हम इस धरती को फिर से हरा-भरा बनाएंगे। कचरे से सनी ज़मीन जब साफ़ की गई तो ऐसा लगा जैसे पृथ्वी खुद मुस्कुरा उठी हो। 100+ किलो से अधिक कचरा उठाकर जिम्मेदारी से निपटाया गया और वो जगहें जो कभी उपेक्षित थीं अब फिर से सांस ले रही हैं। हर पौधा, हर प्रयास एक ही संदेश दे रहा था – “हम पृथ्वी को अपने पूर्वजों से विरासत में नहीं बल्कि अपने बच्चों से उधार लेकर चल रहे हैं।”

रेखा पवार ने भावुक होकर कहा “यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, यह एक संकल्प है। एक क्रांति है जो हर दिल में जागरूकता और जिम्मेदारी जगाती है।” बर्खा रॉय जी ने कहा “जब हम वृक्ष लगाते हैं, तो हम सपने लगाते हैं। जब हम कचरा उठाते हैं तो हम अपनी आत्मा को साफ करते हैं।” गुंजन गोयल ने जोड़ा “पृथ्वी को बचाने की नहीं उसे चाहने की ज़रूरत है। और वो प्यार हमारी छोटी-छोटी कोशिशों से शुरू होता है।” कार्यक्रम की आत्मा रहीं ये सदस्य: रेखा पवार ,बर्खा रॉय , अंजू चौधरी , सुरजिता दास , और गुंजन गोयल – इन सभी ने तन-मन-धन से इस अभियान को सफल बनाने में योगदान दिया। ये केवल स्वयंसेवक नहीं हैं ये प्रकृति की सच्ची प्रहरी, समाज की आशा और अनुराग्यम के संकल्प की जीवंत मिसाल हैं। यह तो बस शुरुआत है। टीम अनुराग्यम संकल्प लेती है कि ये प्रयास निरंतर जारी रहेंगे – नियमित वृक्षारोपण, सफाई अभियान, स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम, और समाज से सीधा संवाद। हर पौधा मायने रखता है। हर प्रयास महत्वपूर्ण है। आइए, बदलाव का इंतज़ार न करें – स्वयं बदलाव बनें। अनुराग्यम नेतृत्व की प्रेरणादायक भूमिका, इस अभियान को ऊंचाईयों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा: अनुराग्यम के संस्थापक सचिन चतुर्वेदी , मुख्य सलाहकार डॉ ध्रुव तिवारी प्रमुख अन्वेषक डॉ. तरूणा माथुर , राष्ट्रीय संयोजक दीपाली जैन , संगठन सचिव ममता रजक जी और हिंदी विभाग की अध्यक्ष मीनू बाला । इन सभी ने अनुराग्यम फरीदाबाद चैप्टर की टीम की हौसला अफजाई की और साथ ही पूरे विश्व में एक सशक्त संदेश दिया – कि जब लोग दिल से एक होते हैं तब परिवर्तन असंभव नहीं रहता। “इनका समर्थन केवल एक औपचारिकता नहीं था – यह प्रेरणा की वर्षा थी जिसने इस अभियान को संकल्प से सफलता तक पहुँचाया।”