नई दिल्ली। देश के तीन हिन्दीभाषी राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार के कारणों पर मंथन कर रही भाजपा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सुझाव दिया है कि वह विकास और हिंदुत्व के मुद्दे को एक समान अहमियत दे।
संघ के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ ने हालिया विधानसभा चुनावों के परिणाम पर अपने संपादकीय में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी विकास संबंधी नीतियां निश्चित ही भाजपा के लिए वोट हासिल करने का जरिया रही हैं, लेकिन मतदाताओं को बांधे रखने के लिए हिंदुत्व को भी समान महत्व देना होगा।
संपादकीय में कहा गया है कि हिंदुत्व की विचारधारा तब अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, जब कांग्रेस हिन्दुत्व के रास्ते पर चलकर अपनी धर्मनिरपेक्ष और ‘अल्पसंख्यक समर्थक’ छवि को खत्म करने की कोशिश कर रही है। आर्गेनाइजर के मुताबिक भाजपा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इस बात की है कि मोदी के नेतृत्व में विकास और हिंदुत्व को एक-दूसरे के पूरक के तौर पर कैसे प्रस्तुत करे। इसमें कहा गया है कि चुनावों के दौरान ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की बढ़ती संख्या भारत जैसे लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। इन दिनों उम्मीदवार का प्रदर्शन और चुनावी परिणाम का कोई संबंध नजर नहीं आता बल्कि झूठे वादे, विभाजनकारी राजनीति और लुभावने तोहफे करने वालों को प्राथमिकता मिल रही है। यह अच्छा संकेत नहीं है।