स्वामी दयानंद सरस्वती की 135वीं पुण्यतिथि पर सामाजिक कुरीतियों को जड से उखाड़ने का संकल्प लिया

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नई दिल्ली।आदर्श ग्रामीण समाज एवं अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में आज संघ के रोहिणी स्थित मुख्यालय बरवाला में स्वामी दयानंद सरस्वती की 135वीं पुण्यतिथि संघ के राष्ट्रीय महामंत्री दयानंद वत्स की अध्यक्षता में सादगी और श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर स्वामी जी को
अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए वत्स ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती आधुनिक भारत के महान चिंतक, स्वतंत्रता सेनानी, महान देशभक्त, समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक थे। वे वेदों की सत्ता को सर्वोपरि मानते थे। सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वासों के विरुद्ध उन्होने अभियान चलाए। बाल विवाह और सती प्रथा का विरोध किया। विधवा विवाह के वह प्रबल समर्थक रहे। उन्होने सत्यार्थ प्रकाश, संस्कार विधि और.ऋग्वेदादि भाष्य.सहित अनेकों पुस्तकों की रचना की जिनमें सामाजिक समरसता, आपसी भाईचारे और समाज में स्त्रियों को सभी निर्णयों में समान भागीदारी देने पर बल.दिया गया है। वत्स ने कहा कि हमारी भावी युवा पीढी को स्वामी दयानंद सरस्वती जी के दिखाए गये मार्ग पर चलना चाहिए ताकि हम सब मिलकर एक सशक्त, समर्थ और सक्षम भारत का नवनिर्माण कर सकें।

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