वाहन उद्योग के निर्यात को लगा बैक गियर, घरेलू बाज़ार में स्पीड बढ़ी

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उमेश जोशी
बीता साल 2023 ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए अशुभ रहा। वाहनों की शिपमेंट बैक गियर में रही; नतीजतन, वाहन निर्यात में 21 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। साल 2023 में देश का कुल ऑटोमोबाइल निर्यात 42,85,809 इकाई रहा, जबकि 2022 में यह 52,04,966 इकाई दर्ज किया गया था। इस झटके के लिए विभिन्न विदेशी बाजारों में चल रहे मौद्रिक और भू-राजनीतिक (जियो-पॉलिटिकल) संकट को जिम्मेदार ठहराया गया है।
हालाँकि चौपहिया यात्री वाहनों का निर्यात पाँच प्रतिशत बढ़ा है और इस सेगमेंट ने लड़खड़ाते निर्यात को बड़ा सहारा दिया है। 2023 में 677,956 यात्री वाहनों का निर्यात हुआ जो 2022 के 644,842 इकाइयों के निर्यात के मुकाबले पाँच प्रतिशत अधिक है।
जहाँ तक ऑटोमोबाइल सेक्टर के कुल निर्यात का ताल्लुक है, उसका प्रदर्शन निश्चय ही बहुत खराब रहा है। लेकिन, यात्री वाहन सेगमेंट का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। इस सेगमेंट में मारूति सुज़ुकी कंपनी अपने शानदार प्रदर्शन के बूते पहले स्थान पर रही। महिंद्रा, किया और फॉक्सवैगन ने भी 2022 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। 2023 में यात्री वाहनों के निर्यात में शानदार प्रदर्शन की ख़ास वजह थी, सप्लाई सुचारू रहना, दक्षिण अफ्रीका और खाड़ी क्षेत्र जैसे बाजारों में मांग बढ़ना। 2022 में सेमीकंडक्टर की सप्लाई में व्यवधान पड़ने से कारों की आपूर्ति माँग के मुताबिक नहीं हो पाई थी इसलिए 2022 में कारों के निर्यात में आशा के अनुरूप नतीजे नहीं मिल पाए थे।
इस साल निर्यात वृद्धि का श्रेय पिछले वर्ष की तुलना में सुचारू आपूर्ति श्रृंखला को भी दिया जा सकता है। हालाँकि, जिन क्षेत्रों में दुपहिया और तिपहिया वाहन बेचे जाते हैं, वहाँ विदेशी मुद्रा की उपलब्धता की चुनौतियाँ जारी हैं, जिससे मांग कम बनी हुई है।
सियाम के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि दुपहिया वाहनों के निर्यात में 20 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई। साल 2022 में 4,053,254 इकाइयों की तुलना में 2023 में 3243,673 इकाइयों का निर्यात दर्ज किया गया।
वाणिज्यिक वाहन शिपमेंट में भी इसी तरह की गिरावट रही। साल 2022 में 88,305 इकाइयों का निर्यात हुआ जो साल 2023 में घटकर 68,473 इकाइयों पर आ गया।
तिपहिया वाहनों के निर्यात में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। 2023 में निर्यात 30 प्रतिशत घटकर 291,919 इकाई रह गया, जो 2022 में 417,178 इकाई था।
उद्योग जगत के विशेषज्ञों का मानना हे कि दुपहिया वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों और तिपहिया वाहनों में चुनौतियों का कारण प्रमुख निर्यात बाजारों में मौजूदा आर्थिक अनिश्चितताएँ और भू-राजनीतिक (जियो-पॉलिटिकल) मुद्दे हैं।
दूसरी ओर बीते साल 2023 में घरेलू बाज़ार में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 40 लाख के पार पहुँच गई। यूटिलिटी व्हीकल्स की मांग में इज़ाफ़ा होने से बिक्री में भारी बढ़ोतरी हुई है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, कंपनियों से डीलर तक यात्री वाहनों की आपूर्ति यानी थोक बिक्री 41,01,600 इकाई रही जो इससे पिछले साल की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक है।

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