एक ऐसी जगह जहाँ पाँच नदियों का होता हैं संगम , तो कैसा होता होगा नजारा ? सोचिये एक बार!
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दुनिया भर में ऐसी एक खूबसूरत जगह है, जहाँ यमुना, चंबल, सिंध, कुंवारी और पहज नदियाँ मिलकर एक साथ बहती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में ऐसा चमत्कार हो सकता है? इस स्थान का नाम है ‘पचनद’ और यह स्थान जालौन और इटावा के सीमा पर स्थित है। यहाँ आप प्रकृति के अनोखे उपहार का स्वाद ले सकते हैं, क्योंकि इस जगह में पाँचों नदियों का संगम बहुत ही अद्वितीय और मग्निफिसेंट होता है।
जिस दिन यहाँ पर्वतमाला के गोद से नदियों की धाराएँ मिलती हैं, वह दिन श्रद्धालुओं के लिए सावधानी का दिन होता है। पचनद को ‘महा तीर्थराज’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिव्य संगम स्थल पर श्रद्धालुओं की आत्मीयता और पवित्रता का उद्घाटन होता है। यहाँ के नजारे देखकर आपका मन मंत्रमुग्ध हो जाएगा और आपकी आत्मा शांति से भर जाएगी।
इसके अलावा, पचनद से जुड़ी कई प्राचीन कथाएँ और लोकप्रिय इतिहास आपको चमत्कारिक रूप से भविष्यत् ले जाएंगी। इस जगह की खास कहानी में बात करें तो इसमें तुलसीदास गोस्वामी की अद्भुत धार्मिक परीक्षा है। उन्होंने पचनद के महान ऋषि, मुचकुंद की कथा सुनकर एक उद्यम किया। उन्होंने ऋषि की परीक्षा के लिए पानी मांगा। और जैसे ही उन्होंने पानी मांगा, ऋषि ने अपने कमंडल से जल छोड़ा और जल का अंत नहीं हुआ। इससे तुलसीदास जी ने उनकी महिमा को मान्यता दी और ऋषि के समक्ष नतमस्तक हो गए।
इसलिए, पचनद एक ऐसी जगह है जहाँ प्रकृति की अद्वितीयता, आध्यात्मिकता और ऐतिहासिक महत्व का अनुभव आपको प्राप्त होता है। यहाँ पर्वतों की रौशनी में छिपी हुई पवित्र नदियों की गाथा सुनते ही आप खुद को दिव्य वातावरण में खो जाएंगे। जीवन की गति को धीरे-धीरे बदलने वाली इस अद्वितीय जगह को एक बार अवश्य देखें और यहाँ की महिमा का आनंद लें!